विश्व में 9 वा स्थान प्राप्त कर चुके और अंतर्राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता है धनबाद के बिपुल मिश्र। बिपुल अभी झारखंड किकबॉक्सिंग संघ के महासचिव के तौर पर राज्य में सेवा कर रहे है। बिपुल अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई बार भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है और कई बार अपने छेत्र का , राज्य का और भारत का मान बढ़ा चुके है। बिपुल पिछले साल किकबॉक्सिंग संघ में महासचिव पद पर नियुक्त किए गए थे। आवाज से बात करते हुए बिपुल ने यह बतलाया है कि खेल कोई भी हो सबको खेलना चाहिए और सबसे ज्यादा स्कूल के छात्रों को। बिपुल ने आज के समस्यायों को देखते हुए अपने विचार को आवाज के माध्यम से लोगो तक पहुंचाना चाहते है। बिपुल ने कहा की अक्टूबर 23 को झारखंड किकबॉक्सिंग संघ द्वारा मिशन सामर्थ्य का आरंभ किया गया था। जिसमे झारखंड किकबॉक्सिंग के सभी ट्रेनर 1 लाख 20 हजार बच्चियों और महिलाओं को इसकी ट्रेनिंग दे रहें है। महासचिव ने कहा की उनकी टेक्निकल टीम द्वारा काफी रिसर्च किया गया महिलाओं के आत्मरक्षा को लेकर उसमे बिपुल ने यह बताया की आज हम अखबार में रोज कही न कही महिलाओं के प्रति हिंसा के बारे में पढ़ ही लेते है, इसी विषय में हमारी टीम ने ग्राउंड से डेटा कलेक्ट किया और महिलाओं के लिए आत्मरक्षा की नई तकनीक को लॉन्च किया जिसका नाम है मिशन सामर्थ्य। एक कदम नारी सशक्तिकरण कि ओर।
क्या है मिशन सामर्थ्य।
मिशन सामर्थ्य एक झारखंड किकबॉक्सिंग संघ द्वारा चलाया जाने वाला मिशन है जिसमे महिलाओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसका शुभारंभ झारखंड किकबॉक्सिंग संघ के अध्यक्ष श्री बी सी ठाकुर सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक सेवा और महासचिव बिपुल मिश्र द्वारा की गई है। बिपुल ने यह बताया कि बच्चो को खेल के तरफ आकर्षित करने और उनके सुरक्षा के लिए काफी फायदेमंद है मिशन सामर्थ्य। इस मिशन के जरिए महिलाओं को और लड़कियों को जो देर रात ट्यूशन या ऑफिस से घर आती है तो उनके साथ मनचलों की रोकथाम के लिए काफी कारगर है मिशन। इस मिशन में सभी को अलग अलग मार्शल आर्ट्स के हुनर सिखाए जायेंगे। बिपुल का कहना यह है की मिशन के ट्रेनिंग के बाद लड़किया खुद ही कॉन्फिडेंट होकर कही भी जा पाएंगी।
मिशन सामर्थ्य पूरे राज्य में हर जिले में शुरू हो रहा है ।
